आगामी विधानसभा चुनावों के प्रमुख उम्मीदवार डॉ. संजय गुप्ता आज उल्हासनगर में अपनी सेवा और जनकल्याण के लिए प्रशंसा पा रहे हैं। उनका कहना है कि लोग चुनाव में उनसे पैसों की मांग कर अपना आत्मसम्मान न गिराएं। वे सामाजिक, स्वास्थ्य, धार्मिक और शैक्षिक कार्यों में लाखों रुपये खर्च करने को तैयार हैं। डॉ. गुप्ता ने संविधान निर्माता डॉक्टर बाबा साहेब आंबेडकर के एक कथन का हवाला देते हुए कहा कि वोट बेचना अपने अधिकारों का अपमान करना है। इसी सिद्धांत का पालन करते हुए वे कन्या का सम्मान बढ़ाने के लिए पांच हजार रुपये कन्यादान के रूप में दे रहे हैं और विद्यालयों, मंदिरों का निर्माण कर रहे हैं।
धार्मिक कार्यों जैसे श्रीरामचरित मानस पाठ, शिव पुराण, सुंदरकांड आदि को प्रोत्साहित करते आ रहे हैं। वे गरीबों, असहायों, वृद्धाश्रमों और अनाथ बच्चों की सहायता कर रहे हैं और बच्चों की फीस भर रहे हैं। आज तक किसी विधायक ने उनके जैसा सेवा कार्य नहीं किया, और वह भी अपनी जेब से।
डॉ. गुप्ता का कहना है कि अब तक कई विधायक बने हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार और कमीशन के जरिए सरकारी धन का दुरुपयोग कर अपने और अपने परिवार का विकास किया है। अगर उल्हासनगर की जनता उन्हें एक बार विधायक बनने का मौका देती है, तो वह सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा और धार्मिक समस्याओं का समाधान करेंगे। भ्रष्टाचार का अंत करेंगे और लोगों को रोजगार प्रदान करेंगे। अपराध पर नियंत्रण लगाया जाएगा और उल्हासनगर की सड़कें गड्ढों से मुक्त होंगी, जो हेमा मालिनी के गालों की तरह चमकेंगी।
सफाई की व्यवस्था बेहतर होगी, यातायात और पार्किंग की समस्या का समाधान होगा। कल्याण-बदलापुर रोड के निर्माण में योगदान देने वाले दुकानदारों को उनकी जमीन के बदले जमीन दी जाएगी। किसी दुर्घटना में मरने वालों के परिवार को विधायक फंड से मदद मिलेगी।
विधायक बनने के बाद, हर महीने जनता की समस्याओं का हल निकालने के लिए विभिन्न स्थानों पर जन अदालत लगाई जाएगी। डॉ. गुप्ता ने उल्हासनगरवासियों से निवेदन किया है कि उन्होंने अब तक कई विधायकों को देखा है, उन्हें भी एक मौका दें। उनके अनुसार, उल्हासनगर में सही मायने में ‘उल्हास’ आ जाएगा और व्यापारी और जनता खुशहाल हो जाएगी।
डॉ. गुप्ता का मानना है कि अब तक जिन लोगों ने विधायक का पद संभाला है, उनके कार्य, संस्कार और चरित्र को देखिए। वह पेंशन के लिए या शहर को लूटने के लिए चुनाव में नहीं खड़े हैं, बल्कि उल्हासनगर के विकास की मंशा से खड़े हैं। विधायक बने या न बने, उनका सेवा कार्य चलता रहेगा।
धार्मिक कार्यों और सहायता को लेकर डॉ. गुप्ता का मानना है कि वे अपने भविष्य के लिए यह सब कर रहे हैं। ईश्वर ने उन्हें लोगों की मदद करने के लिए सक्षम बनाया है, और वे भगवान की प्रेरणा से धर्म-कर्म के कार्य कर रहे हैं। वे जाति-धर्म के भेदभाव को मिटाकर विधायक बनने के बाद उल्हासनगर के कलंक को धो देंगे।