राजनीति की क्या विडंबना है?
आज का नेता जनता को मुर्ख बनाने काम कर रहा हैं। पांच वर्ष तक किसी तरह का उद्घाटन न करने वाला नेता सामने चुनाव को देखकर भीड़ जमा कर गोनी का गोनी नारियल फोड़ने में लगा है। कितना लोगो को नेता लोग मूर्ख बनाने में लगे हैं।चुनाव सामने नहीं होता तो उद्घाटन की सुध नहीं आती। सिर्फ़ नारियल फोड़ने से काम नहीं होता है।
सत्ताधारियो को याद रहना चाहिए कि पब्लिक सब जानती हैं। उन्हें पता है आज फोड़ा गया नारियल काम करने के लिए नहीं बल्कि मूर्ख बनाने के लिए फोड़ा जा रहा हैं।
अन्यथा विधायक लोग जहां पर उद्घाटन कर रहे है उसके काम की विस्तृत जानकारी का बोर्ड क्यों नहीं लगते?
रकम क्यों नहीं लिखते?
आज जहां देखे नारियल तोड़ने की धूम सी मची है। आज जो नारियल फोड़ों जा रहा हैं उसके बारे में क्या समझा जाए उद्घाटन किया गया कार्य चुनाव तक पूरा होगा। मतदाताओं को चाहिए चुनाव से पहले काम करने की बजाय सिर्फ नारियल फोड़ने वाले लोगो को ऐसा सबक सिखाए कि दूसरी बार इस तरह से मूर्ख बनाने का अवसर ही मिले। पूरे महाराष्ट्र में नारियल फोड़ने की बाहर सी चली है। आज जैसे चुनाव को देखकर जैसे तरह तरह की योजना शुरू है ।
उसी योजना में नारियल फोड़ों भी शामिल है ।क्या मतदाता को पता नहीं कि यह नारियल फोड़ों योजना एक तरह का जुमला ही है?
उल्हासनगर, बदलापुर,अंबरनाथ के अलावा पूरे महाराष्ट्र के नेताओ के द्वारा इतने नारियल फोड़े जा रहे हैं कि देवीभक्तो कोनवरात्र में माता की पूजा के लिए नारियल कम पड़ जा रहे है।
इतना ही नहीं नेताओ ने नारियल के भाव तक को बढ़ा दिया हैं। वैसे आज जो नारियल फोड़ों जा रहा हैं उसे नेता तो अपनी जेब से खर्च कर लाता नहीं हैं। उद्घाटन के लिए नारियल भी ठेकेदार ही लाता हैं। मतदाताओं को नेताओ की चालाकी, आंख में धूल घोलने वाली योजना को याद कर उसकी चालकी को मतदान न करके घर बैठाने की जरूरत हैं।
आज चेहरा बदलने की सख्त जरूरत है।एक दो बार लगातार विधायक बनने वाले लोग अपनी राजशाही समझ बैठे है।जनता के पैसे को लूटकर धन्ना सेठ बन बैठे है।आगे भी उसी ताक में हैं।चेहरा बदलने की जरूरत हैं। चेहरा बदल करके ही समाज,शहर का सुधार किया जा सकता हैं।