सच्चे जनसेवक हैं कौन ? डॉक्टर संजय गुप्ता या और?
उल्हासनगर में विधानसभा चुनाव सामने हैं। शहर में कई सच्चे जनसेवक के पोस्टर होर्डिंग देखी गई। सवाल हैं जनता के विकास के लिए आए सरकार की तरफ की धन राशि में से लुट कर घटिया काम कर अपने आपको सच्चा जनसेवक हो सकता हैं? सीमेंट में मिलावट कर जन की जान लेने वाला सच्चा जन सेवक कैसे हो सकता है? कभी किसी की मदद के लिए तैयार न होने वाला सच्चा जनसेवक कैसे हो सकता हैं? उल्हासनगर का घटिया विकास क्या सच्चे जनसेवक की निशानी हैं? बड़े बड़े होर्डिंग की बजाय सच्चे जनसेवक बनने के लिए सामाजिक कार्य करना पड़ता है।उल्हासनगर की जनता समझदार है।उसे पता है बड़ी होर्डिंग में लगा पैसा उनके विकास के लिए आए सरकारी धन को लूट कर लगाया गया हैं।
उल्हासनगर का किसी तरह से विकास नहीं किया गया हैं।सिर्फ उल्हासनगर के लोगो को लूटा गया हैं।शहर का विकास एक तरह से लोगो की आंखों में धूल झोकना है।आज सामने चुनाव देखकर सिर्फ नारियल फोड़ों अभियान चल रहा हैं।ऐसे नाटकीय विकास का कोई फायदा नहीं है।आज उल्हासनगर के लोग सब जानते है। इस कारण अबकी बार नए चेहरे की बयार बह रही हैं। नया चेहरा सिर्फ विधानसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि नगरसेवक के भी चुनाव में चलेगा ।
सच्चे अच्छे सेवक यदि देखा जाय तो भावी विधायक डॉक्टर संजय गुप्ता ही हैं। संजय गुप्ता कहते हैं कि आज तक जो भी विधायक के चुनाव हुए है केवल दारू, साड़ी, लिफाफे में हजार रुपए दिए गए है।अबकी बार दारू साड़ी, रुपए का प्रचलन बंद कर लोगो को निस्वार्थ मन से मतदान करना है।यह निस्वार्थ मतदान शहर के साथ लोगो का जीवन स्तर बदलेगा। लोगो को नौकरी , काम धंधे के लिए प्रोत्साहित करेगा।जब वे चुनाव जीतकर आएंगे तो ग़रिब असहाय लोगो का भला होगा।शहर को समस्या नगर के कलंक से दूर किया जाएगा।वैसे डॉक्टर गुप्ता पहले विधायक की दौड़ के प्रत्याशी होंगे जो अपनी जेब से खर्च लोगो का मन जीत रहे है। उनके समाज कार्य की आज जन जन में सराहना हो रही हैं।देखा जा सकता सेंट्रल अस्पताल में जन्म देने वाली कन्या को पांच हजार रुपए दे कर पैर छूकर आशीर्वाद रहे है।
अस्पताल में साथ ही बाहर के अनाथ, वृद्धाश्रम को , विधवा को भोजन करा रहे हैं।विद्यालय की मरम्मत करवा रहे है।कैमरा लगवा रहे हैं। किसी को दवा, किसी की लाइट का बिल, गरीब बच्चों की फीस भर रहे हैं।इतना ही नहीं उद्योगपति हैं। 1500 लोगो को जिसमे काफी महिलाएं उन्हें नौकरी दिए हैं।शहर के कई धार्मिक स्थल का सुधार कर रहे हैं। धार्मिक कार्य में महाप्रसाद देते आ रहे हैं।धर्म के प्रचार प्रसार में काफी अग्रणी हैं। सैकडो श्री रामचरित्र मानस,रामायण, सुंदर कांड की पुस्तक भेट दे चुके है। आज पद हासिल करने के लिए लोग कितना गिड़गिड़ाते हैं। दांत दिखाते है।
उत्तर भारतीय मोर्चा के अध्यक्ष को पद इस कारण छोड़ दिए की विधायक कुमार आयलानी ने उत्तर भारतीय भवन को न देकर सालों से झूला कर रखा। शहर की दशा को खराब कर रखा गया। जिससे खिन्न होकर पद को छोड़ दिए।
अब जनता निर्णय करेगी कि सच्चा जनसेवक कौन है?
जिस कार्य को बतौर विधायक कुमार आयलानी को करना चाहिए।उस कार्य को डॉक्टर संजय गुप्ता कर रहे है। संवैधानिक पद रहते हुए इस तरह का काम कुमार आयलानी को करना चाहिए जो उन्होंने नहीं किया।संजय गुप्ता यदि विधायक बनते हैं तो अब तक के विधायक से अच्छा कार्य करेंगे ऐसा लोगो को विश्वास है।आज यही कारण हैं कि उल्हासनगर में डॉक्टर गुप्ता की जयजयकार शुरू हैं।
आज गुप्ता के अगल बगल परेशान लोग घूम रहे हैं तो वहीं पर कुमार आयलानी के अगल बगल कथित तौर पर ठेकेदार, पदाधिकारी नेता लोग घूम रहे हैं। विडंबना यह भी है कि डॉक्टर संजय गुप्ता के साथ नेता कम कार्यकर्ता काफी घूम रहे है।
कुमार आयलानी अपनी जेब से काम न करते हुए जनता के नाम पर फंड लगा कर शहर का बांडधार कर रहे है ।वही पर डॉक्टर संजय गुप्ता अपनी जेब से कठिन मेहनत से कमाई गई राशि से लोगो का उद्धार कर रहे है।संजय गुप्ता के कार्य को हर जागरूक नागरिक जनता है ।
परंतु कुमार आयलानी के बारे में ऐसी कोई जानकारी नहीं। संजय गुप्ता कन्यादान को नसीब मानते हैं। जनसेवा के माधव सेवा मानते हैं।आगे भी सेवा करते रहने को अपना परम कर्त्तव्य समझते हैं। ईश्वर सेवा का मौका देता रहे इसे नसीब मान रहे हैं।यही कारण हैं कि उनके पास लोगो की कतार लगी है। संजय गुप्ता विधायक बन गए तो सरकारी काम में उनकी ऊपरी सेवा जुड़ कर उन्हें काफी काम रहेगा।
वही कुमार आयलानी काम विहीन हो जाएंगे।
डॉक्टर संजय गुप्ता के अच्छे कार्य को देखते हुए मेरा मत संजय गुप्ता को।
मिथिलेश दीक्षित, उल्हासनगर।